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ऑक्सीजन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा मध्यप्रदेश , प्लांट लगाने पर सरकार करेगी 75 करोड़ तक राशि सहायता

गृहमंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि इस योजना के तहत न्यूनतम 10 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा ऑक्सीजन उत्पादन करने वाली इकाइयों को 50 %  की दर और अधिकतम 75 करोड़ रूपए की सहायता प्रदान की जायगी।   


कोरोना की दूसरी नलहर एक तरफ पूरा देश ऑक्सीजन की बहुत किल्लत से जूझ रहा है।  वहीं मध्य प्रदेश अब ऑक्सीजन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है. एमपी सरकार ने नई पॉलिसी के तहत ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर 75 करोड़ रुपए तक राशि सहायता देने का एलान किया है. 

राज्य सरकार और गृह मंत्री के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने बताया की सरकार ने ऑक्सीजन की समस्या को ख़त्म करने  के लिए सरकार ने राज्य में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला लिया है. जिससे ऑक्सीजन की समस्या को  सके।  देश में ऑक्सीजन की सप्लाई को जारी किया जा सके।  ताकि लोगो को बचाया जा सके , ताकि देश की अर्थ विवस्था को सुधारा जा सके।  ऑक्सीजन को देश के मेडिकल कॉलेज , अस्पतालों ,नर्सिंग होम को पर्यापत्त मात्रा में ऑक्सीजन को सप्लाई की जा सके।   

ऑक्सीजन की किल्लत के कारण देश में हाहाकार हो रहा है।  अस्पतालों में ऑक्सीजन , बेड़ की भरी कमी आई है।  जिसको पूरा करने के लिए राज्य सरकारों ने टेम्परेरी हॉस्पिटलों का निर्माण कराया है।  जिससे लोगो को ऑक्सीजन और बेड़ की सुविधा प्रदा कराई जा सके।  कोरोना से 8 गुना बढ़ी ऑक्सीजन की खपत 

देश में कोरोना के बिगड़ते हालात से मेडिकल ऑक्सीजन की खपत अचानक से बढ़ गई है. मेडिकल ऑक्सीजन बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी Linde India Plc के मलय बनर्जी का कहना है कि इस महीने देश में ऑक्सीजन की दैनिक खपत सामान्य दिनों की तुलना में 8 गुना बढ़कर 7,200 टन हो  गई है।  

‘कोई तैयार नहीं था इस संकट के लिए’

दिल्ली और मुंबई के दर्जनों अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ते मरीजों को लेकर मलय बनर्जी का कहना है’देश में मेडिकल ऑक्सीजन का उपभोग बढ़ा है. अस्पताल मरीजों के परिजनों को ऑक्सीजन के सिलेंडर लेकर इधर-उधर दौड़ा रहे हैं. ये संकट का समय  है।  और कोई इसके लिए तैयार नहीं था , बनर्जी ने कहा कि Linde India के अलावा अन्य आपूर्तिकर्ता भी अपनी ऑक्सीजन क्षमता बढ़ा रहे हैं. मई के मध्य तक देश में  में ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता बढ़कर 9,000 टन प्रति दिन से अधिक होने की उम्मीद है।  

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